Saturday, April 3, 2010
ओ मेरी माँ
ओ घहर -घहर, ओ लहर लहर,
दिल में चुभती है रुक -रुक क़र |
तेरी याद रुलाती रह -रह क़र,
ओ -माँ , ओ - माँ ||
तुने ही मुझको जनम दिया,
तुने ही तो मुझे पाला पोसा
तेरा फ़र्ज क्या भूलेगा बेटा ,
नहीं माँ - नहीं माँ | |
तेरी आखों तले मै पला बडा,
तेरी ममता का तो छाव पढा |
तेरे प्यार को पाकर धन्य हुआ,
ओ - माँ ,ओ- माँ ||
जब भी कुछ तुम कहतीं थी,
दिल मेरा दूना होताथा
माँ तेरी ही गोदी में तो,
सो रात बिताया करता था||
तू ही जननी मेरी माता हो,
तू ही मेरे दिल की पुकार
तेरे बिन क्या मै जी पाउँगा,
नहीं माँ नहीं माँ||
तेरी यादो का मै पुलिंदा बाद,
दिन रात बिताया करता हूँ
जब भी यादे आती ,
आखो में आंसु भर लेता हूँ ||
बस याद तुझे ही करता हूँ
ओ - माँ, ओ- माँ
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