Friday, March 11, 2011

होली बसंत में आती है |

होली  बसंत  में  आती है
खुशिया गुलाल बन जाती है ,
हम सब को प्रेम की गंगा में
रंग करके वो चली जाती है,
होली  बसंत  में  आती है |

बिछुरे लोगो को मिलवाकर
खुशिओ का लुप्त उठाती है ,
सबको रंगों में रंग कर के
भाईचारा सिखलाता है ,
होली  बसंत  में  आती है |

है दूर रह रहे लोगो को                   
मिलने की राह  दिखाता है ,
अपने रस मंडल के द्वारा
उनको रसपान  कराती है,
होली  बसंत  में  आती है |

 इश भक्त प्रहलाद की बाते
हमको याद दिलाती है ,
धर्मनिस्ट कर्तब्यानिस्ट
बनने का पाथ पढाती है,  
होली  बसंत  में  आती है|



 

Sunday, March 6, 2011

अपनी भारत भूमि को हम , फिर से स्वर्ग बनायेगे

 हम सब  आज  ये प्रण लेते है , भ्रस्टाचार मिटायेंगे
 आने वाली हर बाधा को , हसते - हसते सह जायेंगे , 
 अपने सत्कर्मो के द्वारा  , लोगो को सिखलाएंगे
 उनके अंदर   देशप्रेम की , गंगा हमी बहायेंगे  ,

अपनी भारत भूमि को हम , फिर से स्वर्ग बनायेगे  ||


गाँधी और जवाहर जैसे  , नेता हमी बनायेंगे 
अपने  भारत  की गुरुता को आगे हमी बढायेंगे  ,
लोगो को निर्भीक बनाकर  , आलस दूर भगायेंगे
उनको अपने सत्कर्मो का , तत्वाबोध कराएँगे ,

अपनी भारत भूमि को हम , फिर से स्वर्ग बनायेगे ||

आओ अब वो समय आ गया , हल्दीघाटी की यादो का
अन्यायों से लाधना होगा मेवारमुकुत     बन रहो का  ,
नदियों की तरह मिलना होगा गहराई में जाना होगा
भारत को स्वर्ग बनाने का , सपना तब ही पूरा होगा  ,
नारी को बनना होगा सीता , पुरुसो  को बनना होगा  राम ,
तभी हम ला पाएंगे जग में , सुख शांति ओर  प्रेम अपार  
राम राज्य के उस सपने को साकार तभी कर पाएंगे ,
आने वाली हर पीढ़ी को लव कुश हमी बनायेगे

अपनी भारत भूमि को हम , फिर से स्वर्ग बनायेगे ||